कोई हंस रहा,कोई रो रहा,कोई भूख से तड़प रहा, किसी को फिक्र नहीं कौन किन परिस्थितियों से गुजर रहा। शरहद पर शहीद हो रहे जवान हैं, देश में आत्महत्या कर रहे किसान हैं, पर उनको क्या फर्क पड़ता है जिनके बने ऊंचे-ऊंचे मकान हैं। देश की सेना पर उठा रहे सवाल हैं, लोग वो जो खुद का काम करने में भी नाकाम हैं, देश के गद्दारों शहीदों को तो बख्श दो, अपनी गंदी राजनीति कहीं और जाकर कर लो। अगर न कर सको सम्मान, तो अपमान भी न करो, क्या सेना की ही है सब जिम्मेदारी, कभी तुम भी देश के लिए कुछ काम करो। फौजियों पर इल्ज़ाम लगाना बस इनका काम है,उनके परिवारों के साथ कर रहे दुर्व्यवहार सरेआम हैं। - अंकुर चौहान #Life #Spreadlove #be_positive #respectarmy #Be_Safe