.... बाज़ार से खरीद लाऊॅंगी सुकून-ए-ज़िन्दगी, क्या कोई सौदागर सुकून का सौदा करेगा? अपनी मेहनत बेचकर वह सौदागर, अपनी औलादों का आज पेट भरेगा। एक बच्चा बन जाऊॅं और घूमूॅं सारे बाजार में, मुट्ठी भर सिक्को में सारा आसमान खरीद लाऊॅंगी। अम्मा की परेशानी,बाबा की ज़िम्मेदारी बेच आऊॅंगी,