खुद को खुद से बचाता रहा हूं.... "बातें क्या सारी ठीक ही है, या फिर झूठ को छुपाता रहा हूं। डरता हूं बाहर से, या फिर खुद को खुद से बचाता रहा हूं। आग दिखती है जो बाहर, उससे भी भयंकर आग खुद में जलाता रहा हूं।