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वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है उ

वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है 
वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है 
वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे 
की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो 
अपनी परछाई में उसे हर वक्त पाए ।।
हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है ।।
वो क्यों भूल जाता है उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कुराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है । वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है 
वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है 
वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे 
की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो 
अपनी परछाई में जान जाए ।।।
हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है 
बहुत मोहब्ब्त है उससे मगर ये दिल जाने क्यों ये बात उससे हर बार छुपाता है
वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है 
वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है 
वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे 
की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो 
अपनी परछाई में उसे हर वक्त पाए ।।
हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है ।।
वो क्यों भूल जाता है उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कुराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है । वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है 
उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है 
वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है 
वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे 
की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो 
अपनी परछाई में जान जाए ।।।
हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है 
बहुत मोहब्ब्त है उससे मगर ये दिल जाने क्यों ये बात उससे हर बार छुपाता है
sarthakdev0644

Sarthak dev

Super Creator

वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो अपनी परछाई में जान जाए ।।। हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है बहुत मोहब्ब्त है उससे मगर ये दिल जाने क्यों ये बात उससे हर बार छुपाता है