वो क्यों भूल जाता है की उसके लिए कोई गाता भी है
उसकी मुस्कराहट के लिए खुद आंसू पोछ मुस्कुराता भी है
वो क्यों भूल जाता है शाम को उसके मोहल्ले में उसका घर ढूंढने कोई अक्सर साइकिल से जाता भी है
वो मोहब्बत तो बस इतनी करता है उससे
की वो पास हो तो सबकुछ भूल जाए और न हो तो
अपनी परछाई में जान जाए ।।।
हर दफा वो उस परछाई में उसे देख उसका हाथ हाथ मे लेके दूर बैठी सच्चाइयों को झुठलाता भी है
बहुत मोहब्ब्त है उससे मगर ये दिल जाने क्यों ये बात उससे हर बार छुपाता है