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सुनो, अब मैं बड़ा हो गया हूं, अब मैं अनकही बातों क

सुनो, अब मैं बड़ा हो गया हूं,
अब मैं अनकही बातों को थोड़ा ज्यादा समझने लगा हूं।
हां, मानता हूं कि नहीं कर पाता था मैं पहले सब्र पर,
अब सब कुछ चुपचाप सहने लगा हूं।
जो हुआ करते थे कुछ यार दोस्त मेरे,
अब उनसे भी कटने लगा हूं।
शायद इसलिए क्योंकि अब मैं बड़ा हो गया हूं।।
देख आंखो में दर्द मां के अपनी,
खुद के दर्द मैं भूल सा गया हूं।
हां अब लगता है कि मैं बड़ा हो गया हूं।।
आ जाते हैं अश्क आंखों में मेरे भी कभी, 
पर उनको मुस्कान के पीछे छुपा लेता हूं,
क्योंकि अब मैं बड़ा हो गया हूं।।

#Shivangi Asthana SA 🖋️❤️

©Shivangi Asthana #badahogayahu
सुनो, अब मैं बड़ा हो गया हूं,
अब मैं अनकही बातों को थोड़ा ज्यादा समझने लगा हूं।
हां, मानता हूं कि नहीं कर पाता था मैं पहले सब्र पर,
अब सब कुछ चुपचाप सहने लगा हूं।
जो हुआ करते थे कुछ यार दोस्त मेरे,
अब उनसे भी कटने लगा हूं।
शायद इसलिए क्योंकि अब मैं बड़ा हो गया हूं।।
देख आंखो में दर्द मां के अपनी,
खुद के दर्द मैं भूल सा गया हूं।
हां अब लगता है कि मैं बड़ा हो गया हूं।।
आ जाते हैं अश्क आंखों में मेरे भी कभी, 
पर उनको मुस्कान के पीछे छुपा लेता हूं,
क्योंकि अब मैं बड़ा हो गया हूं।।

#Shivangi Asthana SA 🖋️❤️

©Shivangi Asthana #badahogayahu