होंठों पर आकर लफ्ज़ वापिस खिसक जाएंगे वक्त के पहिए जब जब उल्टी चाल चलाएंगे बहुत कुछ कहना चांहे गे यह कहने वाले मगर चाह कर भी बहुत कुछ कह निहीं पायेंगे ©Ajay kumar #wakat