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जितना बदन में रोआं है, उतना ही तू रुआंसा है। जलते

जितना बदन में रोआं है,
उतना ही तू रुआंसा है।
जलते दिल से लौ निकले कि
होता क्यूंकर धुआं-सा है।
रोम-रोम तेरा काट करे,
कहने को क्या वो ठाठ करे,
मन में लगन सिमटन -सी ,जल -
फैले तल ही कुआं-सा है।

©BANDHETIYA OFFICIAL रुआंसा है !

#MothersDay
जितना बदन में रोआं है,
उतना ही तू रुआंसा है।
जलते दिल से लौ निकले कि
होता क्यूंकर धुआं-सा है।
रोम-रोम तेरा काट करे,
कहने को क्या वो ठाठ करे,
मन में लगन सिमटन -सी ,जल -
फैले तल ही कुआं-सा है।

©BANDHETIYA OFFICIAL रुआंसा है !

#MothersDay

रुआंसा है ! #MothersDay #ज़िन्दगी