जितना बदन में रोआं है, उतना ही तू रुआंसा है। जलते दिल से लौ निकले कि होता क्यूंकर धुआं-सा है। रोम-रोम तेरा काट करे, कहने को क्या वो ठाठ करे, मन में लगन सिमटन -सी ,जल - फैले तल ही कुआं-सा है। ©BANDHETIYA OFFICIAL रुआंसा है ! #MothersDay