Nojoto: Largest Storytelling Platform

हरियाली बिना धरती विरान रहा, जहाँ जल नहीं धरती सून

हरियाली बिना धरती विरान रहा,
जहाँ जल नहीं धरती सूनसान रहा।
जल से ही जीवन में बहार बना,
जल से ही धरती पर खान-पान रहा।
सूरज की किरणों से सुबह-शाम है,
हर तरफ चिड़ियों का करलव गान रहा।
नदी,पर्वत सदियों से धरती का शृगार है,
मानव हेतु प्रकृति सदा ही वरदान रहा।
हे!'गोपाल'प्रकृति का सदा ध्यान रखना,
निज स्वार्थ से मानव क्यों अज्ञान रहा।

©Anup kumar Gopal निज स्वार्थ

#walkingalone
हरियाली बिना धरती विरान रहा,
जहाँ जल नहीं धरती सूनसान रहा।
जल से ही जीवन में बहार बना,
जल से ही धरती पर खान-पान रहा।
सूरज की किरणों से सुबह-शाम है,
हर तरफ चिड़ियों का करलव गान रहा।
नदी,पर्वत सदियों से धरती का शृगार है,
मानव हेतु प्रकृति सदा ही वरदान रहा।
हे!'गोपाल'प्रकृति का सदा ध्यान रखना,
निज स्वार्थ से मानव क्यों अज्ञान रहा।

©Anup kumar Gopal निज स्वार्थ

#walkingalone