Nojoto: Largest Storytelling Platform

माँ के हाथों की बनी रोटी आज भी याद आती है वो कच्ची

माँ के हाथों की बनी रोटी
आज भी याद आती है
वो कच्ची हो या पक्की
सुकून से खाई जाती थी ये लाइन उन्हें समर्पित जो पढ़ाई करने के लिए, नौकरी के लिए घर से दूर रहते हैं।
#MothersLove
#Gharkiyaad
माँ के हाथों की बनी रोटी
आज भी याद आती है
वो कच्ची हो या पक्की
सुकून से खाई जाती थी ये लाइन उन्हें समर्पित जो पढ़ाई करने के लिए, नौकरी के लिए घर से दूर रहते हैं।
#MothersLove
#Gharkiyaad