जो मुड़ कर देखने की जरा भी हसरत होती तो शायद इंतजार की फिर ना जहमत होती कानों में इजहार-ए-इश्क़ कर रहा हूँ कब से तेरे गर सुन लेती तो पन्नों पर लिखने की जरूरत ना होती होप यू लाइक ईट Rajni दीदी 🙂🙏 हाँ प्रेम को लिखना आदत है मेरी जो विराम से परे है..रजनी #रजनी_बस_यूँ_ही 68 #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Rajni Kheterpal