एक घड़ी में दो पल जीवन बोलो कैसे गीत बनाएं उनको समझाएं यह जीवन या बोलो खुद को समझाएं खुद की बातें बिन समझे ही जो बातों को कहता जाए उसको कितना रोका जाए उसको कोई क्या समझाए "ऐसे ही "-" ऐसे ही" कहकर सबकुछ ऐसे ही कर डाला उनसे उत्तर क्या पाओगे