Nojoto: Largest Storytelling Platform

पता नहीं कितना कुछ अपने अंदर समेट लेते है ये लफ्

पता नहीं कितना कुछ 
अपने अंदर 
समेट लेते है ये लफ्ज़ 

खामोशियाँ की तरह 
इन के 
ज्यादा नख़रे नही होते गरूर तो अक्सर ख़ामोशियो करती है 
लफ्ज़ तो हमेशा बिख़रने तो तत्पर रहते है
पता नहीं कितना कुछ 
अपने अंदर 
समेट लेते है ये लफ्ज़ 

खामोशियाँ की तरह 
इन के 
ज्यादा नख़रे नही होते गरूर तो अक्सर ख़ामोशियो करती है 
लफ्ज़ तो हमेशा बिख़रने तो तत्पर रहते है
yashvisingh7466

Yashvi Singh

New Creator