krishn- Radhakrishn बोहोत यात्रा की है मैने.. बोहोत दुख झेले है.. तब जाकर मैं कृष्ण बना.. इस श्रृष्टि के दुख हरने को.. न जाने कितने अवतार लिए अपने प्रिय से अनेकों बार विरह सहे.. फिर भी मुस्कुराता रहा ताकि ये श्रृष्टि मुस्कुराती रहे तब जाकर मैं कृष्ण बना... किसीने चोर कहा..तो किसीने छलिया किसीने भगौरा कहा..तो किसीने पालनहार किसके लिए मैं कान्हा हूं..तो किसका गोपाल बदनामी भी सही और धूतकार भी मिला लोगों का सम्मान भी है और जयजयकार भी मिला तब जाकर मैं कृष्ण बना.. अधर्म को मिटाकर धर्म की स्थापना में.. न जाने कितने संग्राम किए तब जाकर मैं कृष्ण बना.. प्रेम से मेरा उद्गम है प्रेम ही मेरी शक्ति है राधा मेरा प्रेम तो प्रेम में मीरा की मेरी भक्ति है कृष्ण से राधाकृष्ण की यात्रा अनेकों वेदनाओ से तय किया तब जाकर मैं कृष्ण बना... 🔥 ©Sonu #तब जाकर मै कृष्ण बना...