Nojoto: Largest Storytelling Platform

आभार को व्यक्त कीजिए ।

आभार को व्यक्त कीजिए ।                                                    
 सारी परिस्थितियों में धन्यवाद करो । क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है ( १ थिस्सलुनिकियो ५ ; १८  ) । “ आपका धन्यवाद " , कहने के लिए दो सबसे शक्तिशाली शब्द है । वे आपकी हृदयस्पर्शी सराहना, और आभार को प्रगट करते है , जिसको अगर सही तरिके से दिखाया जाएं , तो आपके सच्चे आभार, के एक अनंत प्रभाव को छोड़ते है, और ग्रहण करने वालों के हृदय में; आनंद को उत्साहीत करते है । इसके अतिरिक्त जब आप, किसी को खुश करते है , तो यह आपकी नसो को ठंडा करेगा; और आपकी आत्मा को खुश करेगा ! इसलिए , अधिकतर अपने आपसे पूछिए , “ मैं आज किसकी सराहना करने वाला हूँ ? ” इसे आपकी हर दिन की योजना होने दीजिए । कहीं ना कहीं , किसी को एक कॉल , एक कार्ड या आपसे एक उपहार मिलना चाहिए , यह कहते " आपका धन्यवाद ! ” मुझे यह पसंद होता है; जब मैं किसी को कॉल करके कह पाता हूँ , " आपका धन्यवाद ! " कुछ लोग, मौके पर आभार को व्यक्त करने में, परेशानि को पाते है । किंतु प्रभु की सलाह स्पष्ट है : हमेशा सारी वस्तुओं में, आभार को व्यक्त कीजिए । जब आप बाहर जाते है, और कोई व्यक्ति आपकी किसी भी प्रकार की सहायता करता है, तो मत कहना भूलिए,  “ आपका धन्यवाद । " चर्च में , या थिएटर में , या किसी सभा में , जब एक द्वारपालक, आपको बैठने का स्थान दिखाता है , तो “ आपका धन्यवाद ” कहे बिना, बैठ मत जाईये । जब एक कार चालक, आपको आपके गंतव्य तक सुरक्षित ले जाता है , तो “ आपका धन्यवाद ! ” बिना कहे मत उतरिए । ये हर दिन की गतिविधियाँ है, जिनका हम अनुभव करते है, और कुछ बार, हम नही देखते है कि, कैसे हमे इन वस्तुओ के लिए, धन्यवादित होना चाहिए । अगर आप एक माता पिता है , तो अपने बच्चो से “ धन्यवाद ” कहना सीखिए , जब वे आपके लिए कुछ अच्छा करते है । एक दम्पति की तरह , अपनी पत्नी या पती से, उन वस्तुओ के लिए “ आपका धन्यवाद ” कहना सीखिए जो वे आपके लिए करते है । जब लोग आपके लिए काम करते है , चाहे यह कृपा हो, या यहां तक कि वे, उसको करने के लिए बाध्य भी है, तो भी अभ्यास कीजिए “ आपका धन्यवाद ” कहने का । आप उस आनंद और परिपूर्णन को देखकर, आश्चर्यचकित हो जाएँगे जो इसके परिणामस्वरुप, जो आप अनुभव करेंगे ।                                        आप मेरे साथ इसे दुहरा सकते है।                                               मैं प्रभु में, जड़ और नींव पकड़ा हुआ हूँ , विश्वास में मजबूत, और धन्यवादिता के साथ उमड़ता हुआ ! हर दिन , मैं उन लोगो के लिए, परमेश्वर का धन्यवाद देन

आभार को व्यक्त कीजिए । सारी परिस्थितियों में धन्यवाद करो । क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है ( १ थिस्सलुनिकियो ५ ; १८ ) । “ आपका धन्यवाद " , कहने के लिए दो सबसे शक्तिशाली शब्द है । वे आपकी हृदयस्पर्शी सराहना, और आभार को प्रगट करते है , जिसको अगर सही तरिके से दिखाया जाएं , तो आपके सच्चे आभार, के एक अनंत प्रभाव को छोड़ते है, और ग्रहण करने वालों के हृदय में; आनंद को उत्साहीत करते है । इसके अतिरिक्त जब आप, किसी को खुश करते है , तो यह आपकी नसो को ठंडा करेगा; और आपकी आत्मा को खुश करेगा ! इसलिए , अधिकतर अपने आपसे पूछिए , “ मैं आज किसकी सराहना करने वाला हूँ ? ” इसे आपकी हर दिन की योजना होने दीजिए । कहीं ना कहीं , किसी को एक कॉल , एक कार्ड या आपसे एक उपहार मिलना चाहिए , यह कहते " आपका धन्यवाद ! ” मुझे यह पसंद होता है; जब मैं किसी को कॉल करके कह पाता हूँ , " आपका धन्यवाद ! " कुछ लोग, मौके पर आभार को व्यक्त करने में, परेशानि को पाते है । किंतु प्रभु की सलाह स्पष्ट है : हमेशा सारी वस्तुओं में, आभार को व्यक्त कीजिए । जब आप बाहर जाते है, और कोई व्यक्ति आपकी किसी भी प्रकार की सहायता करता है, तो मत कहना भूलिए, “ आपका धन्यवाद । " चर्च में , या थिएटर में , या किसी सभा में , जब एक द्वारपालक, आपको बैठने का स्थान दिखाता है , तो “ आपका धन्यवाद ” कहे बिना, बैठ मत जाईये । जब एक कार चालक, आपको आपके गंतव्य तक सुरक्षित ले जाता है , तो “ आपका धन्यवाद ! ” बिना कहे मत उतरिए । ये हर दिन की गतिविधियाँ है, जिनका हम अनुभव करते है, और कुछ बार, हम नही देखते है कि, कैसे हमे इन वस्तुओ के लिए, धन्यवादित होना चाहिए । अगर आप एक माता पिता है , तो अपने बच्चो से “ धन्यवाद ” कहना सीखिए , जब वे आपके लिए कुछ अच्छा करते है । एक दम्पति की तरह , अपनी पत्नी या पती से, उन वस्तुओ के लिए “ आपका धन्यवाद ” कहना सीखिए जो वे आपके लिए करते है । जब लोग आपके लिए काम करते है , चाहे यह कृपा हो, या यहां तक कि वे, उसको करने के लिए बाध्य भी है, तो भी अभ्यास कीजिए “ आपका धन्यवाद ” कहने का । आप उस आनंद और परिपूर्णन को देखकर, आश्चर्यचकित हो जाएँगे जो इसके परिणामस्वरुप, जो आप अनुभव करेंगे । आप मेरे साथ इसे दुहरा सकते है। मैं प्रभु में, जड़ और नींव पकड़ा हुआ हूँ , विश्वास में मजबूत, और धन्यवादिता के साथ उमड़ता हुआ ! हर दिन , मैं उन लोगो के लिए, परमेश्वर का धन्यवाद देन #बात #nojotovideo

183 Views