।। 2।। ऐसी कोई रात नहीं है, जिसके बाद न हो उजियारा ऐसा कहाँ समन्दर कोई जिसका होता नहीं किनारा तूफानों को चीर बढ़ेंगे , नौका पार लगाएंगे फिर से सब मुस्काएँगे, हम जीवन पुष्प खिलाएंगे.... संदीप जोशी कोरोना कर्मवीर 2