ये आवारगी मेरी उन्मुक्त सी उड़ती जाए धुनों की लाचारी । कल से मेरे राज़ है मेहफ़िल गलियारी चलती रहती यूँ ख़ुशियारी मील से मील गूंजे मेरी आवाज़-ए-गुँजारी । ये ज़िन्दगी, और ये आवारगी... #येज़िन्दगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi