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मेरी उजरी दुनियाँ को तू आबाद न कर बीते लम्हों को त

मेरी उजरी दुनियाँ को तू आबाद न कर बीते लम्हों को तू फिर से याद न कर  एक कैद परिंदे का हैं तुमसे यही कहना मैं भूल चूका हूँ उरना मुझे फिर से आज़ाद न कर..

©Neelam Modanwal
  #hunarbaaz  Mahi Kanchan Agrahari आशुतोष पांडेय (Aashu) सनातनी vineetapanchal @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09  narendra bhakuni KK क्षत्राणी वंदना .... Anshu writer डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) ग्वालियर