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आंनद के जाने के बाद भी दिव्या का प्यार कम नहीं होत

आंनद के जाने के बाद भी दिव्या का प्यार कम नहीं होता हैं , वह हर दिन भगवान से आंनद की कामयाबी और खुशियों की दुआ मांगती । उधर आंनद दिव्या के फैसले को गलत साबित करने के लिए जी जान से परीक्षा की तैयारी में लग जाता है ।आंनद की मेहनत और दिव्या की दुआ रंग लाती है , आई ए एस की परीक्षा पास कर वह अपने पोस्ट पर कार्यरत हो जाता है , धिरे धिरे उसके पास बंगला , गाड़ी , मंहगे कपड़ें सब हो जाता है , और उसके माता पिता उसकी शादी के लिए लड़की ढ़ूंढने लगते है , आंनद की शादी के सिलसिले मे उसके चाचा चाची से बात करने आंनद और उसके माता पिता पुराने घर आते है ।दिव्या के घर के पास से गुजरते समय आंनद के दिमाग में दिव्या को अपनी शान शौकत दिखाने का ख्याल आता है ,वह अपने माता पिता को छोड़ वापस दिव्या के घर आता है , दिव्या दिव्या कहकर चिल्लाने लगता है , जब खिडक़ी नहीं खुलती है , तो जोर से दरवाजा पिटने लगता है , तभी पड़ोस से एक आदमी आता है और बताता है , कि दिव्या की मां की मौत होने के कारण उसके मामा उसे ले गए , पड़ोसी दिव्या की अपाहिज होने की बात भी बताता है , यह जानकार आंनद हैरान हो जाता हैं , वह सोचता है मैं कितना वेबकूफ हूं 3 महिना मे भी मैं यह ना जान सका  जिन आंखों में  मैं डूबा था उसका दर्द ना देख सका , उसके दिल. मे रहने के बाद भी मैं उस का हाल ना समझ सका ।  काश वो अभी मुझे मिल जाए तो मैं अपने गुनाहों की माफी मांग लू वह वहीं बैठ रोने लगता है तभी एक बच्ची पूछती है, आप आंनद भैया हो वह हां मे सर हिलाता है वह बच्ची एक कागज दे चली जाती हैं आंनद कागज खोलकर पढ़ता है आंनद मैंने तुमहारे सिवा किसी से प्यार नहीं किया, तुम मेरा प्यार थे, हो , और रहोगे बस अपने दिल में मेरे लिये नफरत नहीं रखना ,मुझे माफ कर देना मुझे ढ़ूंढने मे समय बरबाद नही करना अगर मेरे लिए सच मे कुछ करना चाहते हो तो जब भी मौका मिले लाचार मजबूर लोगों की मदद करना और सोचना तुमने मेरी मदद कर दी भगवान तुम्हें सारी खुशिया दे ,तुम्हारी दिव्या अंतिम पन्ना कहानी पार्ट 7 ....दोस्तो इस कहानी का पार्ट 1 से 7 तक.पढ़ें और हमे बता दे कहानी कैसी लगी...हमारे हर पोस्ट को पढ़ने के लिए Bell आई कोन को टच करे । आपकी दोस्त .....मुस्कान राजपूत ☺
आंनद के जाने के बाद भी दिव्या का प्यार कम नहीं होता हैं , वह हर दिन भगवान से आंनद की कामयाबी और खुशियों की दुआ मांगती । उधर आंनद दिव्या के फैसले को गलत साबित करने के लिए जी जान से परीक्षा की तैयारी में लग जाता है ।आंनद की मेहनत और दिव्या की दुआ रंग लाती है , आई ए एस की परीक्षा पास कर वह अपने पोस्ट पर कार्यरत हो जाता है , धिरे धिरे उसके पास बंगला , गाड़ी , मंहगे कपड़ें सब हो जाता है , और उसके माता पिता उसकी शादी के लिए लड़की ढ़ूंढने लगते है , आंनद की शादी के सिलसिले मे उसके चाचा चाची से बात करने आंनद और उसके माता पिता पुराने घर आते है ।दिव्या के घर के पास से गुजरते समय आंनद के दिमाग में दिव्या को अपनी शान शौकत दिखाने का ख्याल आता है ,वह अपने माता पिता को छोड़ वापस दिव्या के घर आता है , दिव्या दिव्या कहकर चिल्लाने लगता है , जब खिडक़ी नहीं खुलती है , तो जोर से दरवाजा पिटने लगता है , तभी पड़ोस से एक आदमी आता है और बताता है , कि दिव्या की मां की मौत होने के कारण उसके मामा उसे ले गए , पड़ोसी दिव्या की अपाहिज होने की बात भी बताता है , यह जानकार आंनद हैरान हो जाता हैं , वह सोचता है मैं कितना वेबकूफ हूं 3 महिना मे भी मैं यह ना जान सका  जिन आंखों में  मैं डूबा था उसका दर्द ना देख सका , उसके दिल. मे रहने के बाद भी मैं उस का हाल ना समझ सका ।  काश वो अभी मुझे मिल जाए तो मैं अपने गुनाहों की माफी मांग लू वह वहीं बैठ रोने लगता है तभी एक बच्ची पूछती है, आप आंनद भैया हो वह हां मे सर हिलाता है वह बच्ची एक कागज दे चली जाती हैं आंनद कागज खोलकर पढ़ता है आंनद मैंने तुमहारे सिवा किसी से प्यार नहीं किया, तुम मेरा प्यार थे, हो , और रहोगे बस अपने दिल में मेरे लिये नफरत नहीं रखना ,मुझे माफ कर देना मुझे ढ़ूंढने मे समय बरबाद नही करना अगर मेरे लिए सच मे कुछ करना चाहते हो तो जब भी मौका मिले लाचार मजबूर लोगों की मदद करना और सोचना तुमने मेरी मदद कर दी भगवान तुम्हें सारी खुशिया दे ,तुम्हारी दिव्या अंतिम पन्ना कहानी पार्ट 7 ....दोस्तो इस कहानी का पार्ट 1 से 7 तक.पढ़ें और हमे बता दे कहानी कैसी लगी...हमारे हर पोस्ट को पढ़ने के लिए Bell आई कोन को टच करे । आपकी दोस्त .....मुस्कान राजपूत ☺

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