शहर की लड़की आती है रातों को ख़्वाब में वो शहर की लड़की! मिलती है हमेशा हिजाब में वो शहर की लड़की! और शब भर हमको चैन से सोने नहीं देती है! नज़र आती है माहताब में वो शहर की लड़की! हर रंग काइल है उनका,रूप रंग की रानी वो! कि भरती है रंग गुलाब में वो शहर की लड़की! तपिश इतनी है कि पानी जल जाए लिहाज़ा! उतरती नहीं है तालाब में वो शहर की लड़की! आती है रातों को ख़्वाब में वो शहर की लड़की! मिलती है हमेशा हिजाब में वो शहर की लड़की! और शब भर हमको चैन से सोने नहीं देती है! नज़र आती है माहताब में वो शहर की लड़की! हर रंग काइल है उनका,रूप रंग की रानी वो! कि भरती है रंग गुलाब में वो शहर की लड़की!