उम्र के इस मोड़ पर काफ़ी कुछ स्पष्ट होने लगे हैं वर्तमान जीवन के आसपास के अनुभव आज मैं बीता हुआ कल नहीं सोच रहा और भविष्य के लिए वैसी गंभीरता भी नहीं आई है वर्तमान में जी रहा हूँ हाँ, आज का सच तो ये है कि किसी ना किसी तरह मन को कष्ट मिलता ही है और अब मानसिक कष्ट को महसूस कर खुद को आँसू बहाने से रोक नहीं पाता हूँ वजह सिर्फ ये कि कोई मेरी जगह सोचता नहीं आज मन पर एक छोटा सा दबाव भी पहाड़ हो जाता है अब तो अपनी इच्छाओं का दमन करने लगा हूँ वैसी तो कोई इच्छाएं भी नहीं हैं मेरी सिर्फ इतनी कि कुछ खास समय कुछ करने की चाहत नहीं होती लेकिन यही मेरा सबसे बड़ा दोष है इन दिनों..... July 1990 My Academics & dark days #पुरानी_डायरी #yqbaba #yqdidi