कल वो रहा पर मिली मुस्काती हुई, मुस्कुराया मैं भी उसके गुज़र जाने के बाद, देख कर मैं भी हुआ था खुश बहुत, ना जाने क्यों मैं बिखर गया घर आने के बाद ? खैर इतना तो है की मैं याद हूँ उसको, मुझको तो लगता था भूल गयी होगी वो आगे बाद जाने के बाद आज बहुत वक़्त बाद मैं हस्ते हस्ते रोया हूँ, करके सारे पुराने किस्से पुरानी बातें याद || बोलता रहता था भूल गया हूँ मैं भी उसको, आंशुओं ने कहदिया बोलता रहा है अबतक सबसे तू झूठी बात अब और नहीं करना याद उसको करके उसका कोई भी ज़िक्र, ख़तम होगया है मेरे अंदर आंशुओं का सैलाब || ©Jazbaati Shayar #alone neha lawaniya