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सुबह-सुबह चलें शीतल पवन,मन‌ हुआ बावरा चंचल चितवन,

सुबह-सुबह चलें शीतल पवन,मन‌ हुआ बावरा चंचल चितवन,
मन  मयुरा  नाच उठा , मन  लीन  होकर  करना  चाहे  स्तवन,
सुंदर नजारा, उन्मुक्त गगन में अब्र पर है घेरा, जैसे करे अगवन,
प्रकृति की गोद में, पंछियों का चहचहाना कोयल का मधुरस्वन। सुप्रभात|

प्रिय लेखकों अपनी ज़बान के साथ अपने विचारों को इस विषय पर प्रकट करें|

सबसे अच्छी रचनाएँ समूह द्वारा हाईलाइट प्राप्त करेंगी|

समय समाप्त 18/04/2021 को सुबह 04 बजे|
सुबह-सुबह चलें शीतल पवन,मन‌ हुआ बावरा चंचल चितवन,
मन  मयुरा  नाच उठा , मन  लीन  होकर  करना  चाहे  स्तवन,
सुंदर नजारा, उन्मुक्त गगन में अब्र पर है घेरा, जैसे करे अगवन,
प्रकृति की गोद में, पंछियों का चहचहाना कोयल का मधुरस्वन। सुप्रभात|

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mrsrosysumbriade8729

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