तबस्सुम भी शरमा जाती है, जब इस तरह मुस्कुराते हो तुम......... आज-कल तो सोते-जागते वक्त, ख़्वाबों-खयालों में आते हो तुम......... कोई ताल्लुकात हैं हम दोनों में, या खुदा ने करी कोई साजिश है........ यूं ही बेवजह हमसे जुदा होकर, जो तन्हाई में आंसू बहाते हो तुम........ इस तरह नादान बनकर भला, दोस्ती को क्यों निबाहते हो तुम......... मोहब्बत ही करते हो हमसे तो, आखिर क्यों नहीं बताते हो तुम......... ©Poet Maddy तबस्सुम भी शरमा जाती है, जब इस तरह मुस्कुराते हो तुम......... #Blush#Nowadays#Sleeping#Relation#Conspiracy#Separate#Tears#Loneliness#Innocent#Friendship.........