अकेला है आसमा अकेली धरा अकेले है हम और अकेला जहा है आज कल ........ हवा बात कर रही जल भी गीत गा रहा चल रहि हमारी खुद से बातचीत आज कल ........ कुदरत भी खिलखिला रहि पक्षी गुन गुना रहे नदिया भी स्नान कर रहि आज कल ..... ये दौर है मौत का चारो तरफ कहर आज हम है अपनी कैद में घर बन रहे जेल आज कल .... हमने जान ली थी दुनिया खुद को भूल रहे थे हम अब खुद को पहचान रहे हैं हम आज कल .... ©Ashish barde( khumen ) #alone #poem #Hindi #thought #Love #Happiness #Like #India #First #colours