ख़ुशी और गम छिपा लिए मुखौटे के पीछे कितने गम किसीने भी न जाना क्यों आँखें हैं नम टूटकर बिखर गए ख़्वाब जो सँजोए थे फिर भी ये हौसले दिल के हुए न कम #हौसलेदिलके