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इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है, समझो उसका वक़्त खर

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है, 
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है, 
महबूब आये या न आये, 
पर तारे गिनने का हिसाब आ जाता है।

©PARBHASH KMUAR
  इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है, 
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है, 
महबूब आये या न आये, 
पर तारे गिनने का हिसाब आ जाता है।

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है, समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है, महबूब आये या न आये, पर तारे गिनने का हिसाब आ जाता है। #Shayari

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