हकुमतों के ऊपर है ना जाने कितनी हकुमतें, बदली नहीं इंसानों की वही गुलामी फितरतें, जो ऊपर बैठा खुद को खुदा कहता है, वो भी तो "सुन" रहा हैं इंसानों की शिकायतें, कौन छोटा फिर कौन बडा, कौन करेगा यह फैसला? सब है मुजरिम मज्लिस में, फस के रह गया फिर मसला, इदारों के ऊपर है ना जाने कितने इदारे, चलते है जहाँ सिर्फ सिफारिशी इशारे, मेरे काम युंही फंसे रहे सरकारों मे, के मतलब के लिए अब कौन रिश्ते सुधारे? #yqbaba #yqdidi #hindi #higherpower #power #ruletheworld #shayari #hindipoetry