अपना और पराया पंख है, परिंदा हूं, उडान मे क्यो अंधा हूं खुला सा गगन है, हवाओं मे मगन हूं डर लगता है उंचाईयों से तो अपना मूंह खोलता हूं3 बचाओ बचाओ बस यही बोलता हूं जिसको मैने माना रक्षक निकला वो शिकारी गिद्ध जैसे जिन्दा खाया फिर भी वो भिखारी3 आज मेरी बारी तो कल है तेरी बारी आ गया है तेरा काल क्यो मचा रहा बवाल लूटपाट करके मुझको होना है बस मालामाल 3 गिद्द हूं मै खुद शिकारी बनाउंगा मै ऐसा जाल जाल न दिखाना मुझको काल न बताना मुझको मतलबी तू बन गया है कदर नही है मेरी तुझको3 कर्मफल भोगेगा एकदिन न बचा पाएगा खुदको #संवाद #ग्रहयुद्ध #अनादर #SadharanManushya #apnaParaya पंख है, परिंदा हूं, उडान मे क्यो अंधा हूं खुला सा गगन है, हवाओं मे मगन हूं डर लगता है उंचाईयों से तो अपना मूंह खोलता हूं3 बचाओ बचाओ बस यही बोलता हूं