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शीर्षक :- मैंने तुझको चुना होगा जब!! मैंने तुझको

शीर्षक :- मैंने तुझको चुना होगा जब!!

मैंने तुझको चुना होगा जब,
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना ।
नहीं बता पाऊंगी मैं तुम्हें, क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा।
शायद तेरा अंदाज़, तेरे अल्फाज़, तेरा मिज़ाज मुझे भाया होगा ।
बक्शीश ए ख़ुदा समझकर ही शायद मैंने तुझे अपनाया होगा ।
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना,
क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा ।
मान लिया था तुम्हें हमदर्द, हमराही, हमनवां।
क्या पता था कुछ वक्त के लिए तेरा साया होगा।
क्योंकि अब जो तुम मेरे साथ नहीं,
तो शायद उस ख़ुदा ने भी अपनी अधूरी लिखी कहानी में पूर्ण विराम लगाया होगा।
और उसका भी दिल भर आया होगा ।
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना ।
जब मैंने तुम्हें चुना था,
क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा ।

©jayakjazbaat #PoetryUnplugged 
#Love #Shayari #Poetry #competition 
#allalone
शीर्षक :- मैंने तुझको चुना होगा जब!!

मैंने तुझको चुना होगा जब,
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना ।
नहीं बता पाऊंगी मैं तुम्हें, क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा।
शायद तेरा अंदाज़, तेरे अल्फाज़, तेरा मिज़ाज मुझे भाया होगा ।
बक्शीश ए ख़ुदा समझकर ही शायद मैंने तुझे अपनाया होगा ।
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना,
क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा ।
मान लिया था तुम्हें हमदर्द, हमराही, हमनवां।
क्या पता था कुछ वक्त के लिए तेरा साया होगा।
क्योंकि अब जो तुम मेरे साथ नहीं,
तो शायद उस ख़ुदा ने भी अपनी अधूरी लिखी कहानी में पूर्ण विराम लगाया होगा।
और उसका भी दिल भर आया होगा ।
बस तुम मुझसे क्यों ना पूछना ।
जब मैंने तुम्हें चुना था,
क्या ख्याल उस वक्त मेरे ज़हन में आया होगा ।

©jayakjazbaat #PoetryUnplugged 
#Love #Shayari #Poetry #competition 
#allalone