अच्छा होता यदि मैं बूँद बन जाता ग्रीष्म ऋतु में भाप बन उड़ जाता बादल बन कर दूर दूर तक जाता सीपी में गिर कर मोती बन जाता वर्षा ऋतु में अमृत जल बरसाता कृषक के चेहरे पर मुस्कान लाता खेत में हर तरह की फसलें उगाता प्रियतमा को प्रियतम से मिलवाता कभी मैं बच्चे की पुकार बन जाता आँखों में माँ की ममता दिखलाता कहीं एक भी पौधा न कुम्हलाता किसी जीव जन्तु की प्यास बुझाता समुद्र में गिर कर मैं एक हो जाता भले ही मैं बिल्कुल छोटा सा होता परन्तु मेरा जीवन काम तो आता अच्छा होता यदि मैं बूँद बन जाता #droplet