होली के दिन खुशियों का होता है संचार, द्धेष भाव भूला सब एक दूजे को गले लगाते यार, नहीं रहती इस दिन किसी से कोई शिकायत, मुंह मीठा करा भूलाई जाती है हर कड़वाहट, सब मिल लगाते हैं एक दूजे को प्रेम का रंग, जाति-पाति का नहीं रहता कोई बंधन, बस रंगों से बचने वालों को रंगने की रहती होड़, इस दिन उन लोगों को भी आते हैं वो लोग याद, जिनको कांटेक्ट लिस्ट में रख अक्सर भूलते हैं सब लोग, पकवानों के साथ जुबां और वातावरण में भी घुल जाती मिठास, रंगों के इस त्यौहार में कोई चाह कर भी नहीं रह पाता उदास। ©Priya Gour #holi2021 #festivalofcolours #CTL #Holi #India #Nojoto #nojotowriters #NojotoWriter