#OpenPoetry जो होश में है सब हवा करते हैं, ये सब मरीज़ है जो अब दवा करते हैं,, तुम अपने जख्मो का मरहम पूछते हो इनसे, ये तो खुद घायल है सिर्फ दुआ करते हैं,, और बात ऐसी नही कि ख़ाक है ये, ये वो चिंगारी है जो जोर से धुँआ करते हैं,, व बड़ी लत हैं इन्हें झूठ कि पग पहनने कि, ये सच कहाँ कहते हैं बस झूठ ही बयाँ करते है,, बड़ा तमाशा चल रहा है इनके जहन में मोहित, ये सिर्फ लेखक हैं हर बात कहाँ लिखा करते हैं,, #Writers........