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 वो अनकही ख्वाहिश, जो तुम समझ जाते, तो  तुम 






वो अनकही ख्वाहिश, जो तुम समझ जाते,
तो  तुम  मुझे अकेले, यूँ  छोड़ कर न जाते।


ख्वाहिश   थी   मेरी,  तुम्हारे   पास   बैठने  की,
तुम से बातें  करने की, तुम्हें जानने समझने की,
काश ये मेरी ख्वाहिश तुम भी  कभी जान जाते,
तो तुम मुझे अकेला, यूँ........................... ।

ख्वाहिश  थी  मेरी,  तुम्हारे दिल  में  बरसने  की, 
तेरी धड़कन  सुनने की, तुम्हें  महसूस  करने की,
काश  ये  मेरी ख्वाहिश तुम भी महसूस कर पाते,
तो तुम मुझे अकेला, यूँ.............................. ।

ख्वाहिश  थी  मेरी,  तुम्हारे  साथ - साथ हसने की,
तेरे साथ - साथ रोने की, तुम्हें  अपना  बनाने  की,
काश मेरी ख्वाहिश को तुम अपनी ख्वाहिश बनाते,
तो तुम मुझे अकेला, यूँ.............................

©Uma Vaishnav
  #aashiqui #khvyash