कुछ सवालों ने रात भर जगाया मुझको फिर जवाब दर जवाब रूलाया मुझको । जिसको जिंदगी का इंद्रधनुष समझता रहा फिर उसी ने अपना रंग दिखाया मुझको । एक शजर था सबको छांव दे रहा था लकड़हारा आया शाख दर शाख काट गया मुझको। तुरपाई कर रहा हूँ फ़क़त टूटे ,बिछड़े रिश्तों की ना समझना दिल ने इश्क़ के लिए मना लिया मुझको । नज़्म । #yqbaba #yqdidi #nazm #shaad #poetry