पल्लव की डायरी दिल्ली फिर वायदों में फंस गयी दिल सियासतों से टूट रहा है मूल समस्याये पीछे छूटी जहर सम्पदाय का फैल रहा है भूमाफिया जैसी लगती सरकारे बुलडोजरों से नेस्तनाबूद जमीनों को अबैध बताकर किया जा रहा है बड़ा दिल रखने वाली दिल्ली को दायरे में सिमटकर रहना सिखाया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #delhiearthquake दिल्ली फिर वायदों में फंस गयी