Nojoto: Largest Storytelling Platform

हर बार कोई न कोई उसका भरम तोड़ता है।इस बार भी वह टु

हर बार कोई न कोई उसका भरम तोड़ता है।इस बार भी वह टुट गयी पर खुद को उसी मजबूती से खड़ी होगयी चाँद कि तरह शितल हो गयी सुरज कि तरह कुदंन होगयी वह नारी है। सब कुछ मुस्कुरा कर खड़ी हो गयी
          
 हारना । मुन्नी गुप्ता
हर बार कोई न कोई उसका भरम तोड़ता है।इस बार भी वह टुट गयी पर खुद को उसी मजबूती से खड़ी होगयी चाँद कि तरह शितल हो गयी सुरज कि तरह कुदंन होगयी वह नारी है। सब कुछ मुस्कुरा कर खड़ी हो गयी
          
 हारना । मुन्नी गुप्ता
shivamkumar1320

Shivam Kumar

New Creator

हारना । मुन्नी गुप्ता