जो 'गर तुम तवज्जोह दो मुझे तो मैं सुनाऊं तुम्हें अपने तमाम किस्से मैं बताऊं तुम्हें अपने रातों की दास्तां मैं बताऊं कैसे गुज़रा है मेरा दिन आज किस से किस बात पर बहस की मैंने आज क्यों मैं रूठी रही माँ से और क्यों मैंने बहस की अपनी दीदी से क्यों और किस तरह मैं उलझ गई टीचर से क्लास में क्यों आज मैंने बात नहीं कि दिन भर अपने पापा से कहना था मुझे यूं तो बहुत कुछ तुमसे जो 'गर कभी तुम तवज्जोह दो मुझे 179/365 एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की ओर से। #कहनाथामुझे #YourQuoteAndMine #365days365quotes #writingresolution #bestyqhindiquotes #yqhindi #aprichit Collaborating with YourQuote Didi