ज़िंदगी के खेल में हम पिछड़े ही रहे नियम-कायदे जानकर भी हमेशा हारते ही रहे कैसे बाजी जीती जाती है बस सोचते ही रहे औरों को जीतते देख आँखें चौड़ी करते रहे खेल में पिछड़ने का एहसास तब हुआ जब लोग बिना नियम के भी चुटकियों में खेल जीत सभी की तालियाँ पाते रहे..! Muनेश..Meरी✍️ OPEN FOR COLLAB 😁 #ATज़िन्दगीकाखेल • A Challenge by Aesthetic Thoughts! 💚 इस ख़ूबसूरत चित्र पर ज़िन्दगी के खेल के बारे में लिखें| 😎 Transliteration: Zindagi ke khel mei (In life's game)