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#OpenPoetry भैंस के आगे बीन बजाना बहुत हो चुका बंद

#OpenPoetry भैंस के आगे बीन बजाना बहुत हो चुका बंद करो
खुद को बिच्छू से कटवाना बहुत हो चुका बंद करो 
नागफनी पर बेला चंपा कभी नहीं खिलने वाले 
पत्थर की आंखों में आंसू कभी नहीं मिलने वाले 

बंदूकों की गोली का उत्तर सद्भाव नहीं होता 
हत्यारों के लिए अहिंसा का प्रस्ताव नहीं होता 
कोई विषधर कभी शांति के बीज नहीं बो सकता है 
और भेड़िया शाकाहारी कभी नहीं हो सकता है

                                       -डॉ हरिओम पवार
#OpenPoetry भैंस के आगे बीन बजाना बहुत हो चुका बंद करो
खुद को बिच्छू से कटवाना बहुत हो चुका बंद करो 
नागफनी पर बेला चंपा कभी नहीं खिलने वाले 
पत्थर की आंखों में आंसू कभी नहीं मिलने वाले 

बंदूकों की गोली का उत्तर सद्भाव नहीं होता 
हत्यारों के लिए अहिंसा का प्रस्ताव नहीं होता 
कोई विषधर कभी शांति के बीज नहीं बो सकता है 
और भेड़िया शाकाहारी कभी नहीं हो सकता है

                                       -डॉ हरिओम पवार