लड़ें आपस में सब नेता, मरा आँखों का पानी है। उन्हें चिंता नहीं जन की, फ़क़त बातें बनानी है। मुसीबत है खड़ी आगे,पड़ी उनको सियासत की- मिले सत्ता कहीं से भी, यही उनकी कहानी है। #मुक्तक #राजनीतिक_पाखंड #विश्वासी फ़क़त=केवल