शब्र नहीं है इतने से लफ्जों को और शकील कर नफरत करते हैं जो तुझसे कुछ मत बोल खामोशी से लिख लिखकर उन्हे और जलील कर शकील-सुंदर आकार शब्र नहीं इतने से.........