कैसे कहे पापी हम उसको, अब हर गलीमें दुर्योधन होता है । रखी थी मर्यादा सीताजी की, उस रावणको जलाके कुकर्म होता है । अँधेपनकी दौडमे, Nidhi बढ़ रहा अब द्वेष यहाँ । नज़रअंदाज़ कर सच्चाई को, सज़दा दिखावेका अब होता है । #बढ़ना #nanhikalam