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आँखों से चला दो तुम यह वोह जादू नहीं है सियासत ह

आँखों से चला दो तुम  यह वोह जादू नहीं है
 सियासत है साहब यह मुहब्बत नहीं है,

यह जंगल है बस इस की क्या दूँ मिसाल
इन्हें अपनों से भी कोई चाहत नहीं है,

मेरे मुल्क़ का सिपाही मरे,या मर जाए कोई भी एक इन्सान
इन्हें पेट भरने से मतलब है बस,हमारे ग़मों की इनको आहट नहीं,


न हिन्दू की है ना मुस्लिम की है
भला कर दें ऐसी इनकी आदत नहीं है,

सियासत की बस्ती मैं बहुत दोगले हैं
ज़हर दे दूँ इनको,बस्स मुझमें ताक़त नही। #Siyasat
आँखों से चला दो तुम  यह वोह जादू नहीं है
 सियासत है साहब यह मुहब्बत नहीं है,

यह जंगल है बस इस की क्या दूँ मिसाल
इन्हें अपनों से भी कोई चाहत नहीं है,

मेरे मुल्क़ का सिपाही मरे,या मर जाए कोई भी एक इन्सान
इन्हें पेट भरने से मतलब है बस,हमारे ग़मों की इनको आहट नहीं,


न हिन्दू की है ना मुस्लिम की है
भला कर दें ऐसी इनकी आदत नहीं है,

सियासत की बस्ती मैं बहुत दोगले हैं
ज़हर दे दूँ इनको,बस्स मुझमें ताक़त नही। #Siyasat