घबराहट क्यों देते हो सोच शून्य कर देतो हो डर सा जीवन लगता है नकारात्मकता के घेरे में समय बुरा है हमे पता है कोई शिकवा गिला नही है बून्द बून्द से जी लेंगे हम सागर की दरकार नही है चरणों मे रहने देना छत्र छाया में रख लेना तेरी कृपा प्रसाद मिले इतनी इनायत कर देना बाकी तेरी मर्ज़ी है हम भी तेरे दर्दी है निहार हमे भी लोगे तुम प्यार हमे भी दोगे तुम विश्वास हमारा पक्का है प्रेम का रिश्ता सच्चा है आंच कभी ना आएगी लाज कभी ना जाएगी राजेश शर्मा✍️ © Rajesh Sharma घबराहट क्यों देते हो #RaysOfHope