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दिन, महीने और साल गुज़र    गए,

दिन,    महीने      और      साल     गुज़र      गए,
उस    मुलाकात   को   इक    साल   गुज़र  गए।

मिरा    इक    अक्स    कुछ   ऐसा   भीगा    रहा
जिसे    सुखाने   को    मेरे   रुमाल   उधड़   गए।

हम   इंतज़ार    में     ही   रहे   कुरबत   के   और
ना     जाने   कितनों    के    जैमाल   गुजर   गए।

जवाब    उसका    जनाब..!   ना   में    ही     रहा
न    जाने   मिरे,   कितने    सवाल     गुज़र    गए। #nojotohindi #25August2018 #Sunday #.....!
दिन,    महीने      और      साल     गुज़र      गए,
उस    मुलाकात   को   इक    साल   गुज़र  गए।

मिरा    इक    अक्स    कुछ   ऐसा   भीगा    रहा
जिसे    सुखाने   को    मेरे   रुमाल   उधड़   गए।

हम   इंतज़ार    में     ही   रहे   कुरबत   के   और
ना     जाने   कितनों    के    जैमाल   गुजर   गए।

जवाब    उसका    जनाब..!   ना   में    ही     रहा
न    जाने   मिरे,   कितने    सवाल     गुज़र    गए। #nojotohindi #25August2018 #Sunday #.....!
krishnaseth0831

Krishna Seth

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