मेरा रूप रंग सब तेरा है, ये सांस जिस्म सब तेरा है। इस जग में बस राधा मेरी, बाकी घना अंधेरा है।=2 लोक लाज और शर्म हया का, रखती वो खुद पर पहरा है। ये दुनियां चाहे कुछ कह ले, बस कान्हा तेरा है।=2 कान्हा तेरा है...........!