लाल गुलाब के बाग में एक गैंदे का खिल जाना, नदियों से बने सागर में बारिश का मिल जाना, सर्द बर्फ की चादर को सूर्य का झट से छू जाना, भू में दफन किसी बक्से में हीरे का मिल जाना, जैसे किसी महामारी में उसकी दवा का मिल जाना, मेरे जीवन में एक बुझा दीपक है प्रेम का लौ बुझने का कारण है तेरा जाना। © दिप्ती जोशी लाल गुलाब के बाग में एक गैंदे का खिल जाना, नदियों से बने सागर में बारिश का मिल जाना, सर्द बर्फ की चादर को सूर्य का झट से छू जाना, भू में दफन किसी बक्से में हीरे का मिल जाना,