पानी से तो क्या,,हवा से भी तेज बहते है , मेरे दिल के अरमान..... झाँकता हूँ जब भी मेरे दिल की गलियों में , गलियारे दिखते हैं मुझे वो भी सुनसान... पानी से तो क्या,,हवा से भी तेज बहते है , मेरे दिल के अरमान..... निकला एक दिन खुद को ढूंढ़ने इन गलियारों में , खुद को पाया वहां मैं गुमनाम... पानी से तो क्या,,हवा से भी तेज बहते है , मेरे दिल के अरमान..... मिलते गए मुझे वहाँ पर ऐसे भी फरिश्ते , जिन रिश्तों से हूँ मैं अनजान... पानी से तो क्या,,हवा से भी तेज बहते है , मेरे दिल के अरमान..... दिल के अरमान