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# सम्पूर्ण सृष्टि रचना‘‘ पूर्ण ब् | Video

सम्पूर्ण सृष्टि रचना‘‘
पूर्ण ब्रह्म :- इस सृष्टि रचना में सतपुरुष-सतलोक का स्वामी (प्रभु), अलख पुरुष-अलख लोक का स्वामी, अगम पुरुष-अगम लोक का स्वामी तथा अनामी पुरुष-अनामी अकह लोक का स्वामी (प्रभु) तो एक ही पूर्ण ब्रह्म है, जो वास्तव में अविनाशी प्रभु है जो भिन्न-2 रूप धारण करके अपने चारों लोकों में रहता है। जिसके अन्तर्गत असंख्य ब्रह्माण्ड आते हैं।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
परब्रह्म :- यह केवल सात शंख ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। यह अक्षर पुरुष भी कहलाता है। परन्तु यह तथा इसके ब्रह्माण्ड भी वास्तव में अविनाशी नहीं है।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

सम्पूर्ण सृष्टि रचना‘‘ पूर्ण ब्रह्म :- इस सृष्टि रचना में सतपुरुष-सतलोक का स्वामी (प्रभु), अलख पुरुष-अलख लोक का स्वामी, अगम पुरुष-अगम लोक का स्वामी तथा अनामी पुरुष-अनामी अकह लोक का स्वामी (प्रभु) तो एक ही पूर्ण ब्रह्म है, जो वास्तव में अविनाशी प्रभु है जो भिन्न-2 रूप धारण करके अपने चारों लोकों में रहता है। जिसके अन्तर्गत असंख्य ब्रह्माण्ड आते हैं। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज परब्रह्म :- यह केवल सात शंख ब्रह्माण्ड का स्वामी (प्रभु) है। यह अक्षर पुरुष भी कहलाता है। परन्तु यह तथा इसके ब्रह्माण्ड भी वास्तव में अविनाशी नहीं है। - जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज

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