हार कर लौट जाऊ शहरों से ये मेरे गाँव की बदनामी होगी हर गलियों को उम्मीद है मुझपर सूनी राहें एक-दिन जगमग होगी सपने कामिल करने को सुख-चैन त्यागा हू मैं आज शमशान मिल रहे तो क्या कल मेरी जश्न की रात होगी आज पैर फैलाऊ तो सर दीवार में भिड़े वो महल बनाऊंगा मै जैसे राजाओं की बारात होगी मेरे दादी-बाबा,माता-पिता चाची-चाचा क्यों घबराते हो ना हारा हूँ मै कभी ना मेरी मात होगी।।। #nojoto#sher#shayari#nazm#poetry#gazal#kahani#stories#life#motivational#motivationalthought #quotes#lifequotes#struggle#nojotopoet#nojotoshayar#tourdelhi#tourgurugram#emotion..